दोस्तों अगर आप शेयर मार्केट मे रुचि रखते हैं तो आज हम आपको इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको शेयर मार्केट मे आवश्यक डीमैट अकाउंट संबन्धित सम्पूर्ण जानकारी प्रोवाइड कराएंगे । सेबी के निर्देशानुसार शेयर बाजार से स्टॉक खरीदना या बेचना हो तो आपके पास डीमैट खाता होना अनिवार्य है। डीमैट का अर्थ “भौतिक रूप में नहीं होना” है । स्टॉक मार्केट में डीमैट एकाउंट का यूज एक ऐसे एकाउंट और लॉकर के रूप में किया जाता है, जहां ख़रीदे गए शेयर्स को जमा किया जाता है। जब शेयर्स को बेचते हैं तो वो शेयर्स हमारे डीमैट एकाउंट से निकल कर शेयर्स खरीदने वाले के डीमैट एकाउंट में जमा हो जाते हैं। इससे स्पष्ट है कि यह एकाउंट एक प्रकार से गोदाम की तरह होता है ।
डीमैट एकाउंट का रोचक इतिहास
जब शेयर्स खरीदने के लिए इन्टरनेट/कंप्यूटर का इस्तेमाल नहीं होता था, तब हम जो भी शेयर्स खरीदते थे, वो हमें शेयर सर्टिफिकेट के रूप में मिलता था। इसमे बहुत अधिक समय लगता था और शेयर्स सर्टिफिकेट को संभाल कर रखना भी बहुत मुश्किल काम था। जब शेयर्स मार्केट में कंप्यूटर का उपयोग होने लगा , तो सभी तरह के शेयर्स को डिमेटेरियलाइज़्ड ( डिमेट ) कर दिया गया। इससे शेयर्स को डिजिटल कर दिया गया, जिन्हे फिजिकली न तो हाथ में ले सकते हैं और ना ही खरिदे गए शेयर्स को संभाल कर रखने की जरूरत होती है।
जब शेयर होल्डर शेयर्स को बेच देता है तो उसके डीमैट एकाउंट से वो शेयर ऑटोमेटिक खरीदने वाले के एकाउंट में जमा हो जाते हैं।
डीमैट एकाउंट के फायदे
डीमैट एकाउंट बहुत ही फायदेमंद है। इसके कुछ खास फायदे निम्न प्रकार हैं:-
- शेयर को होल्ड करने के लिए आसान और सुविधाजनक तरीका है ।
- शेयर्स की कम्पलिट बैंक लाकर जैसी सुरक्षा।
- शेयर बेचने पर एकदम आसान, सुरक्षित, विश्वसनीय और सुविधाजनक
ट्रांसफर ।
- जीरो पेपर वर्क–ट्रान्सफर डीड पेपर वर्क की कोई जरूरत नहीं।
- ट्रांजेक्शन कॉस्ट और स्टाम्प ड्यूटी फीस बिलकुल कम हो जाती हैं ।
- शेयर का ऑटोमेटिक क्रेडिट और डेबिट होना।
- कहीं भी रहते हुए शेयर्स खरीद और बेच सकते हैं।
डीमैट एकाउंट के नुकसान
- किसको शेयर बेचे गए है , ये कभी नहीं जान सकते हैं ।
- किससे शेयर ख़रीदे गए , ये कभी नहीं जान सकते हैं ।
- स्टॉक ब्रोकर के काम पर बहुत सख्त सुपरविजन की जरूरत होती है ताकि वे इस सिस्टम का गलत फायदा न उठा सके।
डीमैट एकाउंट कहां से ओपन कराये
सेबी की गाइडलाइन के अनुसार डीमैट एकाउंट सर्विस दो प्रमुख संस्थाओं द्वारा दी जाती हैं –
- NSDL ( दि नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिट्री लिमिटेड )
- CDSL ( सेंट्रल डिपॉजिट्री सर्विसेज लिमिटेड )
डीमैट एकाउंट खोलने के लिए डायरेक्ट एनएसडीएल और सीएसडीएल के पास जाने की जरूरत नहीं होती है, बल्कि डीमैट एकाउंट खोलने की एप्लीकेशन किसी भी प्रमुख बैंक और स्टॉक ब्रोकर के पास जमा कर सकते हैं।
सभी प्रमुख स्टॉक ब्रोकर आपको ट्रेडिंग एकाउंट के साथ डीमैट एकाउंट खोलने की भी सुविधा देते हैं। डीमैट एकाउंट खोलने के लिए आपको अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं होती। बस ऐसे स्टॉक ब्रोकर या बैंक को एप्लीकेशन देनी होती है जो डीमैट एकाउंट खोलने की सुविधा देते हैं।
डीमैट एकाउंट खोलने के लिए आवश्यक डाक्यूमेंट्स
डीमैट एकाउंट ओपन करने के लिए आपको निम्न डॉक्यूमेंट्स एप्लिकेशन के साथ सबमिट कराने होते है –
- फोटो
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड
- एड्रेस को कन्फर्म करने के लिए अन्य डाक्यूमेंट्स
डीमैट एकाउंट नॉमिनेशन
जब भी डीमैट एकाउंट ओपन कराते हैं तो एप्लीकेशन फॉर्म मे नॉमिनी का नाम डालना होता है। नॉमिनी व्यक्ति का नाम इसलिए डालना जरूरी होता है ताकि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में डीमैट एकाउंट में जमा शेयर्स को नॉमिनी को ट्रांसफर किये जा सके। यदि डीमैट/ट्रेडिंग एकाउंट ओपन कर लिया है और किसी कारण से नॉमिनी का नाम नहीं डाला है, तो बैंक या स्टॉक ब्रोकर जहां पर भी आपका एकाउंट है, उनसे सम्पर्क करके नामिती (नॉमिनी) का फॉर्म जरूर भर लें। यह भविष्य में होने वाली किसी भी दुर्घटना की स्थिति में बहुत लाभकारी होगा। इसलिए विलम्ब कतई न करें।