3D टेक्नोलॉजी की कल्पना मात्र ने बेजान तस्वीरों जान भर दी हैं, लेकिन अब इसका दायरा काफी विस्तृत हो चुका है। 3D टेक्नोलॉजी आज कई क्षेत्रों मे यूज की जा रही हैं । 3D प्रिंटर इसका जीता जागता उदाहरण हैं और आने वाले समय में और ज्यादा विकसित होने की उम्मीद है । आज इस पोस्ट में आपको विस्तार से 3D टेक्नोलॉजी के बारे में जानकारी दी जा रही है । 3D पिक्चर्स इमेजनरी कन्सेप्ट हैं जो की बिल्कुल वास्तविक लगती है । आसपास का माहौल बिलकुल असली दुनिया की तरह प्रतीत होता हैं । इसलिए 3D मूवीज देखते समय हमें ऐसा लगता है जैसे ये सभी ऑब्जेक्ट हम अपने हाथों से छू रहे हो ।
इसका उपयोग कहाँ कहाँ होता हैं ?
3D टेक्नोलॉजी से बहुत सी चीजें जुडी हुई है जिनके बारे मे हम यहाँ प्राप्त करेंगे –
स्टीरियोग्राफी
दो अलग-अलग पिक्चर्स को
ओवरलैप कर नयी 3D पिक्चर बनाने की इसी
तकनीक को स्टीरियोग्राफी कहते
हैं। 3D टेक्नोलोजी अब
और भी ज्यादा डेवलप हो रही है । ये अब केवल दृष्टिभ्रम नहीं हैं क्यूंकि
अब हम 3D प्रिंटर
के द्वारा एक्चुअल पिक्चर डेवलप कर
सकते हैं। 3D टेक्नोलोजी के
माध्यम से हमारी इमेजिन वास्तविकता
का स्वरूप ले चुकी है।
3D स्टीरियोस्कोप
किसी भी प्रकार की हाथ से बनी हुई दो साधारण पिक्चर्स में 3D इफेक्ट डेवलप करने वाली पहली मशीन को स्टीरियोस्कोप कहा जाता है । आज इस तकनीक को काफी विकसित कर दिया हैं ।
थ्री डी कैमरा और चश्मा
1844-49 में स्कॉटलैंड मे एक ऐसा स्टीरियोस्कोप कैमरा बनाया जो 3D पिक्चर्स ले सकता था। उस वक़्त इस कैमरे से 3D पिक्चर्स तो ले सकते थे लेकिन न तो खुद देख सकते हैं और न ही दूसरों को दिखा सकते हैं । इस प्रॉबलम के सोल्युशन के लिए खास चश्मे (3D चश्मों ) का निर्माण किया गया ।
एनाग्लिफ तकनीक
एनाग्लिफ
टेक्नोलोजी में पिक्चर्स ज्यादा रियल लगती थीं। इस
टेक्नोलोजी का कमर्शियल
यूज आज अधिकता से किया
जा रहा है , जिसे 3D एनाग्लिफ टेक्नोलोजी
कहा जाता हैं । इस तकनीक में एक जैसी दो पिक्चर्स लाल
और नीले टोन में प्रोसेस करके कुछ इस तरह से ओवरलैप किया जाता है कि
लाल और नीले रंग के 3D चश्मे से देखने पर वो पिक्चर्स
एक्चुयल दिखाई देती हैं ।
थ्री डी स्टीरियोविजन
इस
तकनीक में स्पेशल लेंस के साथ कई
पोलेराइड फिल्टर्स का
यूज किया जाता था।
इसके साथ ही थ्री डी टेक्नोलॉजी में पोलेराइड चश्में भी आने लग गए । आज शायद ही कोई ऐसी मूवी बनती हो जिसमें 3D इफ़ेक्ट्स यूज नही किए गए हो।
थ्री डी टीवी
3D टेक्नोलोजी ने सिनेमा के परदे से सीधा टेलीविज़न इंडस्ट्री में प्रवेश किया । आज सोनी , पैनासोनिक , सैमसंग और एलजी आदि के थ्री डी टीवी सेट्स से मार्केट मे उपलब्ध हैं, आज बहुत से देशों में कई ऐसे सेटेलाइट चैनल्स हैं, जो एजुकेशनल शो , एनीमेटेड शो , स्पोर्ट्स, डॉक्यूमेंट्रीज और म्यूजिकल परफॉरमेंस सब कुछ थ्री डी फॉरमेट में दिखा रहे हैं।