ग्लोबल वार्मिंग का मतलब वर्तमान में मानवीय गतिविधियों के कारण उत्पन्न ग्रीनहाउस गैसों के प्रभावस्वरूप पृथ्वी के तापमान में वृद्धि और इसके कारण मौसम में होने वाले परिवर्तन है । पृथ्वी के तापमान में हो रही वृद्धि के कारण बारिश के तरीकों में बदलाव, हिमखण्डों और ग्लेशियरों के पिघलने, समुद्र के जलस्तर में वृद्धि और वनस्पति एवं प्राणियों पर प्रभाव हैं। ग्लोबल वार्मिंग दुनिया की बहुत बड़ी समस्या है।
ग्लोबल वार्मिंग के कारण
ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण मानवीय गतिविधियों के कारण वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा में वृद्धि होना है । ये गैसें मुख्यतः ईंधन के जलाने , उद्योगों , व्हिकल्स , रेफ्रीजरेटर, एयर-कंडीशनर , पेड़ों की कटाई ,प्राकृतिक कारकों से छेड़छाड़ आदि के कारण होता है।
ग्लोबल वार्मिंग के परिणाम
- ताप बढ़ने से ग्लेशियर
पिघलने लगते हैं और उनका आकार कम होने लगता है और ग्लेशियर खिसकने लगते हैं।
2. ग्लेशियरों के पिघलने से प्राप्त जल जब सागरों में मिलता है तो समुद्री जल स्तर में वृद्धि हो जाती है।
3. यदि ग्लेशियरों के पिघलने की दर बढ़ जाएगी तो नदी में जल की मात्रा बढ़ जाएगी जोकि बाढ़ का कारण बन सकती है।
4. वर्षा होने और
बादलों के बनने में तापमान की महत्वपूर्ण भूमिका
होती है । अतः ताप में वृद्धि के कारण वर्षा का पैटर्न बदल जाएगा |
5. समुद्री-जल के ताप
बढ़ने से कोरल
रीफ़ नष्ट होने लगती है । वर्तमान में
लगभग एक तिहाई कोरल
रीफ़्स का
अस्तित्व इसके
कारण संकट में पड़ गया है।
5. समुद्री-जल
के ताप बढ़ने से प्लैंकटन का विनाश होने लगता है ।
6. ताप में वृद्धि होने से जलस्तर ऊपर उठेगा तो तटीय क्षेत्र व द्वीप जलमग्न हो जाएंगे और तटीय क्षेत्र के निवासी आंतरिक भागों की ओर प्रवास करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।
ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के उपाय
- LED का इस्तेमाल करें ।
- प्लास्टिक का उपयोग ना करे ।
- बिजली अनावश्यक ना खर्च करें ।
- गाड़ियों का उपयोग कम करें ।
- अधिक से अधिक पेड़ लगाए ।
- साबुन का प्रयोग कम करें या जलाशय मे मिलने से रोके ।
- बारिश का पानी संरक्षित करें ।
- प्रदूषणमुक्त वातवरण का निर्माण करें ।
- स्वच्छता का पूरा ध्यान रखें ।
- लोगो मे इसके प्रति जागरूकता लाने के लिए कार्यक्रम करें ।