आज लोग बड़े चाव से स्ट्रीट फूड का प्रयोग करते है। गली-नुक्कड़ पर मिलने वाले चाट-पकौड़ी , कचोरी , समोसे, स्वादिष्ट तो होते हैं लेकिन बहुत ही हानिकारक भी होते हैं । स्वाद के चक्कर में लोग सेहत की अनदेखी कर देते हैं। ऐसे में फूड पॉइजनिंग हो जाती है। इससे जी-मिचलाना, उल्टी व दस्त की समस्या हो जाती है और ये घातक भी हो सकती हैं।
फूड पॉइजनिंग के लक्षण
- जी-मिचलना
- उल्टी आना
- पेट में दर्द होना
- दस्त लगना
- बुखार आना
- सिर दर्द होना
- पेट में ऐंठन होना
फूड पोइजनिंग के कारण शरीर कमजोर हो जाता है। फूड पॉइजनिंग में निम्न का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए :
- मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
- अधिक फाइबरयुक्त चीजें न खाएं।
- डेयरी उत्पाद का सेवन न करें।
- शराब और कैफीन से दूरी बनाएं।
- इस दौरान तली हुई चीजें भी न खाएं।
- ऐसी चीजों से दूर रहें, जिनमें वसा की मात्रा अधिक होती है।
फूड पॉइजनिंग के घरेलू उपाय
- सेब का सिरका – ये एंटीबेक्टेरिया
के गुण युक्त होता हैं । साथ ही इसमे मिनरल्स , एंजाइम आदि पाये
जाते हैं जो फूड पोइजनिंग मे फायदा देती हैं ।
- नींबू – नींबू एण्टीओक्सीडेंट होता हैं । नींबू का सेवन करने से तुरंत इसमे आराम मिलता हैं ।
- लहसुन- अगर फूड पोइजनिंग हो जाये तो लहसुन का प्रयोग करे ।
- अदरक डाइजेस्टीव होने के साथ ही उल्टी दस्त आदि मे तुरंत फायदा करता हैं ।
- केला उल्टी दस्त मे फायदा देता हैं अतः केले का सेवन करें।
- आंवला विटामिन सी का स्त्रोत हैं इसके सेवन से इसमे फायदा मिलता हैं ।
- पानी का अधिक सेवन करे ताकि डिहाइड्रेशन ना हो पाये ।