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भूलकर भी ये 6 चीज़े गूगल पर ना खोजें !

बचपन की कहानियों में अलादीन के पास ऐसा चिराग हुआ करता था जिसमें से निकले जिन्न के पास अलादीन के हर सवाल का जवाब हुआ करता था |ठीक ऐसा ही चिराग अब हम सभी की पास आ गया है जिसका नाम है – गूगल

आज हमारे हर सवाल से उसके जवाब की दूरी सिर्फ एक क्लिक है | एक क्लिक से हम दुनिया की किसी भी समस्या का हल गूगल पर खोज सकते है | लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसी चीज़े है जो गूगल पर खोजने पर आपको फ़ायदे की जगह नुकसान पहुँचा सकती है | आइये इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताते है कि वो कौन से चीज़े है जो आपको गूगल पर सर्च नहीं करनी चाहिए |

1. हथियार या बम बनाने का तरीका
चाहे आपने मजाक में किया हो, लेकिन गूगल ऐसी किसी भी सर्च पर अलर्ट हो जाता है. ऐसे में अगर कोई संदेहास्पद सर्च की जाती है तो गूगल ऑटोमैटिकली शिकायत भी कर सकता है. अगर कहीं मस्ती में ‘किसी डेड बॉडी को छुपाने के तरीके’ जैसी कोई सर्च टाइप कर दी तो मुसीबत हो सकती है. ऐसे में आपके IP ऐड्रेस से टाइप किया हुआ कोई भी सर्च भले ही पांच साल पहले ही क्यों न किया गया हो वो ट्रैक किया जाएगा. अगर दो लोग एक आईपी ऐड्रेस यानी एक ही कंप्‍यूटर का इस्तेमाल करते हैं तो भी ये सारी सर्च हिस्ट्री देखी जाएगी. यह इसलिए भी खतरनाक है कि यदि एक व्‍यक्ति ने संदिग्‍ध सर्च किया तो उसका खामियाजा उसके साथी को भुगतना पड़ सकता है.
2. सेहत से जुड़ी समस्याएं…
गलती से भी अगर किसी फोड़े या फुंसी के लिए गूगल पर सर्च किया तो यकीनन वो स्किन कैंसर की बीमारी सामने खोलकर रख देगा. गूगल से अगर जरा से सिर दर्द की समस्या का हल पूछो तो भी वो उसे ब्रेन ट्यूमर की तरह ही देखेगा. यकीनन अगर किसी को बीमारी 10% होगी तो गूगल करने पर दिमाग उसे 70% बना देगा. यूनिवर्सिटी ऑफ पेंनसिल्वेनिया एनेनबर्ग स्कूल फॉर कम्युनिकेशन के स्टूडेंट टीम लिबर्ट ने रिसर्च में पाया कि इंटरनेट पर मौजूद 80 हजार हेल्थ रिलेटेड पेजेस में 90% अपने यूजर की जानकारी थर्ड पार्टी को भेजते हैं. अगर आप अपनी बीमारी के बारे में गूगल करते हैं, तो उस बीमारी से जुड़े ऐड आपको अपनी स्क्रीन पर दिखना शुरू हो जाएंगे. साथ ही साथ इससे मेडिकल फ्रॉड होने की गुंजाइश भी बढ़ जाती है.
खास तौर पर अगर कोई स्किन कंडीशन या किसी चोट के बारे में सर्च करना हो तो उसकी तस्वीरें न देखें. आपको पता होगा कि क्या सामने आएगा. कुछ तस्वीरें इतनी विभत्स होती हैं कि देखकर डर लग जाए.
3. अपना नाम या ईमेल ऐड्रेस..
अपना नाम या ईमेल ऐड्रेस सर्च कर और कुछ नहीं बल्कि आप गूगल को अपने बारे में और भी ज्यादा जानकारी दे रहे हैं. अब आप कहेंगे कि गूगल के पास नाम और ईमेल ऐड्रेस तो पहले से ही है. ये सच है, लेकिन अगर खुद का नाम या कोई पर्सनल जानकारी गूगल पर सर्च करते हैं तो गूगल उससे जुड़े न्यूज रिजल्ट भी दिखाने लगता है. साथ ही कई तरह के ऐड आपके नाम और लोकेशन के आधार पर दिखने लगते हैं.

4. अपनी कमजोरियों या परेशानियों के बारे में…
डिप्रेशन है तो डॉक्टर मदद कर सकता है गूगल नहीं, आप मोटे हैं तो एक्सरसाइज करिए गूगल नहीं. आईब्रो छोटी है, होठ पतले हैं, रंग काला है ऐसी किसी भी इनसेक्योरिटी को अगर आप गूगल करते हैं तो इसकी गुंजाइश काफी ज्यादा है कि आपको उस इनसेक्योरिटी से जुड़े ऐड अपने स्क्रीन पर दिखने लगें. खुद ही सोचिए जिस चीज से बुरा लगता है अगर वही चीज बार-बार सामने आए तो कैसा लगेगा.
5. लोकेशन से जुड़ी सर्च..
अब ये थोड़ा मुश्किल काम है. गूगल से लोकेशन छुपाना बहुत मुश्किल हो जाता है. चाहें मैप्स का इस्तेमाल करना हो या फिर डेट पर जाने के लिए नया रेस्त्रां खोजना हो. ये सब कुछ जाने-अनजाने में आपके लिए नए ऐड्स के अलावा और कुछ नहीं लेकर आएगा.
6. मरने से पहले करने वाली चीजें..
देखिए इसे बहुत आसानी से समझिए ये डिप्रेशन का कारण भी हो सकता है. अगर कोई 29 साल की उम्र में तीस से पहले करने वाली चीजों को सर्च कर रहा है तो यकीनन उसे डिप्रेशन होगा और ये लगेगा कि आखिर उसने जिंदगी में किया क्या है. इसी के साथ ऐड्स वाली समस्या तो लगातार बनी ही रहेगी. वो खत्म नहीं होगी.