स्वयं को प्रकृति से कैसे जोड़ें ?

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चाहे हम जीवन की किसी भी अवस्था में हो, हमें हर स्तर पर प्रकृति के आशीर्वाद की आवश्कता होती है | और वैसे भी कहा गया है की यदि हम अपने जीवन में वास्तविक सुख अनुभव करना चाहते है तो हमें प्रकृति के समीप जाना होगा | स्वयं को प्रकृती से जोड़कर हम शरीर को अंदर से भी साफ कर सकते है। कहा गया है की शरीर को बाहर से कितना भी साफ कर लिया जाय लेकिन मन का मैल साफ करना जरूरी है। अब प्रश्न ये उठता है कि आखिर हम शरीर को अंदर से साफ कैसे करे ? आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे है कि किस तरह आप प्रकृति के समीप जा कर शांति का अनुभव कर सकते है –

  1.  कई लोग रात मे देर से सोते हैं इस कारण देर से उठते हैं । देर से उठने वाले लोग कई महीनों तक तो उगते सूरज के दर्शन भी नहीं कर पाते । उगता सूरज स्वास्थ्य को अनेक प्रकार से फायदा देता है । सुबह 10 से 15 मिनिट सूर्य की किरणों मे वक्त गुजरने से शरीर की इम्यूनिटी बढ़ती हैं इसलिए फुर्सत के पलों मे सनबाथ और सूर्य नमस्कार का फायदा लेना  चाहिए ।
  2. कई लोग तो व्यस्त दिनचर्या के कारण साँस भी सही तरीके से नहीं ले पाते है| देरी से उठने वालों को शुद्ध हवा भी प्राप्त नहीं हो पाती हैं । समय से सोकर सुबह जल्दी उठे और शुद्ध हवा मे प्राणायाम करे जिससे साँस सुचारु रूप से ले सके ।
  3. प्रकृति मे चिड़िया की चहचहाट, भौरों का गुंगुनाहट ,  बारिश की बुँदों एवं हवाओ की सरसराहट का मधुर संगीत प्रकृति द्वारा रचित है जो शोरशराबे के कारण हम नहीं सुन पाते हैं । भोर मे जल्दी उठकर इस संगीत का लुत्फ उठा सकते हैं ।
  4. शरीर को भी स्वस्थ रखे । शरीर तब स्वस्थ रहेगा जब ओर्गेनिक फूड इसका पोषण करेंगे । शुद्ध व सात्विक भोजन का प्रयोग करे । जंक फूड , ज्यादा मसाले या तेलीय खाद्य पदार्थ से सिर्फ भूख मिटती हैं लेकिन पोषण नहीं मिलता | साथ ही इस प्रकार के खाद्य मोटापा , एसिडिटी , कब्ज , गैस एवं कई प्रकार के पेट संबन्धित रोगों को निमंत्रण देते हैं ।
  5. मन की सफाई से मतलब मन मे किसी के प्रति इर्ष्या भाव नहीं लाना, दूसरों कि बुराई नहीं करना, अपनी गलती के लिए क्षमा मांगना , मन को शांत रखना ओर कभी भी बुरे विचार मन मे न आने देना ही मन की सफाई हैं ।
  6. पुराने समय मे मिट्टी को बहुत महत्व दिया जाता था । साँप का जहर सोखना हो या कोई चर्मरोग दूर भगाना हो मिट्टी का प्रयोग किया जाता था । पहले मिट्टी का आँगन हुआ करते थे जिस पर नंगे पाव चलने से शरीर के सारे विसाक्त पदार्थ सोख लिए जाते  थे । आज मिट्टी के फर्श तो नहीं हैं लेकिन गार्डन मे कुछ समय नंगे पाव गुमे ।
  7. किसी भी प्रकार का योग या आसान चुनकर रोज जल्दी सुबह के समय इसके लिए निकाले ओर शरीर व मन को विश्राम दे ।

इम्युनिटी जाँचे

अच्छी इम्यूनिटी एक अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक हैं । रोगप्रतिरोधक क्षमता अगर अच्छी हैं तो रोगो से हम आसानी से लड़ सकते हैं । इम्यूनिटी कैसी हैं इसको जाँचने के लिए निम्न विधि हैं –

1 सीढ़ी चढ़ते वक्त थक जाना ।

2 ज्यादा दौड़ नहीं पाना ।

3 साँस को ज्यादा समय तक नहीं रोक पाना ।

अगर इनमे से कोई भी समस्या हो तो ये इम्यूनिटी कम होने के संकेत हैं इसे बढ़ाने की आवश्यकता हैं लेकिन इसके लिया कोई सप्लीमेंट लेने की जरूरत नहीं हैं प्रकृतिक तरीके इसे बढाये ।

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