डायबिटीज आज एक गंभीर बीमारी बनती जा रही है। पूरी दुनिया में इसके आज कई रोगी है। डायबिटीज को अच्छी जीवनशैली, खानपान और एक्सरसाइज से ही कंट्रोल किया जा सकता है। इससे पहले कि हम डाइबिटीज़ के इलाज के बारे में आपको बताएं, उससे पहले यह जानना ज़रूरी है कि डायबिटीज़ क्या है? जब शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन (एक प्रकार का हार्मोन) पहुंचना कम हो जाता है, तो खून में ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ जाता है, ऐसी स्थिति को डाइबिटीज़ कहते हैं। इंसुलिन का काम शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलना होता है और इसी हार्मोन की वजह से शरीर में शुगर की मात्रा नियंत्रित होती है। वहीं, जब किसी को मधुमेह हो जाता है, तो भोजन के एनर्जी में बदलने में दिक्कत होती है, जिसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है।
डायबिटीज (शुगर) के प्रकार:
- टाइप 1 – यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, इसमें बीटा कोशिकाएं इंसुलिन नहीं बना पाती हैं। इस मधुमेह में मरीज़ को इंसुलिन के इंजेक्शन दिए जाते हैं, ताकि शरीर में इंसुलिन की मात्रा सही तरीक़े से बनी रहे। यह डायबिटीज़ बच्चों और युवाओं को होने की आशंका ज़्यादा होती है।
- टाइप 2 – इसमें शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है या फिर शरीर सही तरीके से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता।
- गर्भावधि मधुमेह (gestational diabetes) – यह मधुमेह गर्भावस्था के दौरान होता है, जब खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। इस दौरान, गर्भवती महिलाओं को टाइप 2 डायबिटीज़ होने का खतरा ज़्यादा रहता है।
डायबिटीज के कारण
- अगर आपके परिवार में किसी को डायबिटीज़ है, तो आपको भी डायबिटीज़ होने का ख़तरा हो सकता है।
- ज़्यादा तला या बाहर का खाना खाने से बढ़ता हुआ वज़न भी डायबिटीज़ का कारण है।
- व्यायाम या कोई शारीरिक श्रम ना करना।
- ज़्यादा मीठा खाना।
- अगर कोई ह्रदय संबंधी बीमारी है, तो डायबिटीज़ हो सकती है।
- अगर गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज़ हुई हो या शिशु का वज़न 9 पौंड से ज्यादा हो तो आगे चलकर टाइप 2 डायबिटीज़ होने की आशंका बढ़ जाती है।
- बढ़ती उम्र से भी डायबिटीज़ हो सकती है।
जब हमारे शरीर के पैंक्रियाज में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है। इस स्थिति को डायबिटीज कहा जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है जोकि पाचक ग्रंथि द्वारा बनता है। इसका कार्य शरीर के अंदर भोजन को एनर्जी में बदलने का होता है। यही वह हार्मोन होता है जो हमारे शरीर में शुगर की मात्रा को कंट्रोल करता है। मधुमेह हो जाने पर शरीर को भोजन से एनर्जी बनाने में कठिनाई होती है। इस स्थिति में ग्लूकोज का बढ़ा हुआ स्तर शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है।
डायबिटीज के लक्षण
- थोड़े से चलने , शारीरिक श्रम , सीढी चढ़ने पर जल्दी ही थकान महसूस होना ।
- प्यास ज्यादा लगना ।
- वजन अचानक कम होना ।
- भूख ज्यादा लगना ।
- बार बार पेशाब आना ।
- चोट या घाव जल्दी से ठीक नहीं होना ।
डायबिटीज से बचाव
- अपने ग्लूकोज के स्तर को जांचते रहे और यदि यह भोजन से पहले 100 और भोजन के बाद 125 से ज्यादा है तो सतर्क हो जाएं। हर तीन महीने पर HbA1c टेस्ट कराते रहें ताकि आपके शरीर में शुगर के वास्तविक स्तर का पता चलता रहे। उसी के अनुरूप आप डॉक्टर से परामर्श कर दवाइयां लें।
- अपनी जीवनशैली में बदलाव करें और शारीरिक श्रम करना शुरू करें। दिन में तीन से चार किलोमीटर तक जरूर पैदल चलें या फिर योग करें।
- कम कैलोरी वाला भोजन खाएं। भोजन में मीठे को बिलकुल खत्म कर दें। सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज, डेयरी उत्पादों और ओमेगा-3 वसा के स्रोतों को अपने भोजन में शामिल कीजिये। इसके अलावा फाइबर का भी सेवन करना चाहिए।
- दिन में तीन समय खाने की बजाय उतने ही खाने को छह या सात बार में खाएं।
- धूम्रपान और शराब का सेवन कम कर दें या संभव हो तो बिलकुल छोड़ दें।
- आफिस के काम की ज्यादा टेंशन नहीं रखें और रात को पर्याप्त नींद लें। कम नींद सेहत के लिए ठीक नहीं है। तनाव को कम करने के लिए आप ध्यान लगाएं या संगीत आदि सुनें।
- नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराते रहें और शुगर लेवल को रोजाना मॉनीटर करें ताकि वह कभी भी लेवल से ज्यादा नहीं हो। एक बार शुगर बढ़ जाता है तो उसके लेवल को नीचे लाना काफी मुश्किल काम होता है और इस दौरान बढ़ा हुआ शुगर स्तर शरीर के अंगों पर अपना बुरा प्रभाव छोड़ता रहता है।
- गेहूं और जौ 2-2 किलो की मात्रा में लेकर एक किलो चने के साथ पिसवा लें। इस आटे की बनी चपातियां ही भोजन में खाएं।
- मधुमेह रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, सहजन, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रौकोली, टमाटर, बंद गोभी और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करना चाहिए।
- फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद, संतरा, मौसमी, जायफल, नाशपाती को शामिल करें। आम, केला, सेब, खजूर तथा अंगूर नहीं खाना चाहिए क्योंकि इनमें शुगर ज्यादा होता है।
- मेथी दाना रात को भिगो दें और सुबह प्रतिदिन खाली पेट उसे खाना चाहिए।
- खाने में बादाम, लहसुन, प्याज, अंकुरित दालें, अंकुरित छिलके वाला चना, सत्तू और बाजरा आदि शामिल करें तथा आलू, चावल और मक्खन का बहुत कम उपयोग करें।
डायबिटीज से बचने के घरेलू उपाय
- डायबिटीज़ मे करेले का ज्यूस इस्तेमाल करने से इसमे बहुत लाभ होता हैं ।
- जामुन के बीज का पावडर बनाकर इसे रोजाना इस्तेमाल करे । इसमे मोजूद ग्लाइकोसाइड ब्लड मे इंसुलिन की मात्रा को बराबर कर देता हैं ।
- विजयसार एक आयुर्वेदिक जड़ीबूटी होती हैं । इसकी छाल का पावडर बनाकर इस्तेमाल करने से भी इसमे आराम मिलता हैं ।
- हल्दी का पावडर भी इसमे इस्तेमाल किया जाता हैं ।
- त्रिफला चूर्ण भी शुगर लेवल को सही करता हैं ।
- नीम का सेवन कर सकते हैं ।
- मेथी का प्रयोग ।
- शीलाजीत का सेवन करने से शुगर की मात्रा नियमित हो जाती हैं ।