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कार चलाना सीखिए सिर्फ 20 मिनिट में !

अगर आज से पहले आप ने कभी कार नहीं चलायी है तो आप बिलकुल सही जगह पर है क्योकि आज की इस पोस्ट के माध्यम से आप बड़ी आसानी से कार चलना सीख सकते है |कार ड्राइविंग से संबन्धित कुछ बेसि‍क बातों को ध्‍यान में रखना चाहि‍ए। अगर आप ड्राइविंग करते हुए इन चीजों को याद रखेंगे तो आप भी एक एक्‍सपीरि‍यंस ड्राइवर की तरह कार चलाने लगेंगे। चाहे कार सीखने वाला हो या एक्‍सपर्ट, कुछ बातों को हमेशा याद रखना ही पड़ता है। यहां हम आपको ऐसे ही कुछ टि‍प्‍स बता रहे हैं जो आपके काम आएंगे।

कंट्रोल्स (Controls) :-

ड्राइविंग सीट पर पैरों के लिए मुख्यतः 3 कंट्रोल होते है जिन्हें ABC कहा जाता है। ये पेडल कुछ इस तरह दिखते हैं।

A Pedal :- A का मतलब Accelerator होता है। जिसे Gas pedal भी बोला जाता है। इस Pedal का काम गाड़ी के इंजन के अंदर ईंधन और हवा की सप्लाई को कम या ज्यादा करना होता है। जैसे ही हम इस पेडल को अपने पैरों से दबाते हैं तो इंजन तेज गति से घूमने लगता है। और हटाने पर इंजन की गति कम हो जाती है। इस pedal को हमेशा अपने दाएं पैर से दबाना चाहिए।

B PEDAL :- B का मतलब ब्रेक। इस PEDAL का काम गाड़ी को रोकने का होता है। इसको दबाते ही आपकी गाड़ी रुक जाती है। इस PEDAL को भी हमेशा अपने दायें पैर से दबाना है। जब आपका दायाँ पैर ब्रेक पर होगा तो उस समय accelerator pedal से आपको पैर हटाना पड़ेगा। और जब आपका पैर accelerator pedal पर होगा तो ब्रेक से पैर हटाना पड़ेगा। यानी एक समय पर एक ही pedal पर पैर।

C PEDAL :- C मतलब CLUTCH. क्लच का काम इंजन की ताकत को गाड़ी के पहियों से जोड़ना ओर तोड़ना होता है। जब हमने क्लच दबाया होता है तो इंजन गाड़ी के पहियों से अलग हो जाता है। और जब भी क्लच pedal को उसकी जगह पर वापस ले आते हैं तो इंजन गाड़ी के पहियों के साथ जुड़ जाता है। जिसके कारण इंजन पहियो को ताकत देने लगता है जिससे पहिये घूमने लगते है और आपकी गाड़ी आगे बढ़ती है। इसे हमेशा बाएं पैर से दबाना चाहिए। बाएं पैर का काम सिर्फ इस pedal को दबाना होता है।

अब बात करते हैं उन कंट्रोल्स की जिन्हे हमें अपने हाथों से करना है।

स्टीयरिंग :- ड्राइवर सीट के सामने एक गोल सा चक्का होता है। उसको स्टीयरिंग व्हील बोला जाता है। इसका काम गाड़ी को दिशा देने का होता है। अगर आपने अपनी गाड़ी बायीं तरफ ले जानी है तो आपको इसे जरुरत के अनुसार बायीं तरफ घुमाना पड़ेगा और ऐसे ही दायीं तरफ के लिए। हमें हमेशा स्टीयरिंग तो दोनों हाथों से पकड़ना चाहिए।

गियर सिलेक्टर / लीवर :- मैन्युअल ट्रांसमिशन कार में स्पीड और लोड के अनुसार गियर लगाना पड़ता है। गियर सेलेक्ट करने के लिए ड्राइवर और पैसेंजर सीट के बीच में एक lever होता है जो कुछ इस तरह दिखता है।

हैंडब्रेक/पार्किंग ब्रेक :- यह भी ड्राइवर और पैसेंजर सीट के बीच में पाया जाता है जो कुछ इस तरह दिखाई देता है। जब हम इसे ऊपर की तरफ खींचते हैं तो गाड़ी के पीछे के पहिये जाम हो जाते हैं। इसका उपयोग ज्यादातर हम गाड़ी को पार्क करते समय करते हैं ताकि गाड़ी अपनी जगह से हिले ना। इसको नीचे करने के लिए इस बटन को दबाना पड़ता है अपने अंगूठे से।

टर्न इंडीकेटर्स :- सड़क पर गाड़ी चलाते समय कोई मोड़ आने पर या लेन बदलते समय हमें अपनी गाड़ी के डिपर / इंडिकेटर जलाकर दूसरी गाड़ियों के ड्राइवर को सचेत करना होता है। इन्हे चालू करने के लिए जो स्विच होता है वह स्टीयरिंग व्हील के दायी तरफ नीचे मिलता है। जो कुछ इस तरह दिखाई देता है।

अगर इसे हमें आगे की तरफ ले जाते हैं तो आपकी गाड़ी का दायाँ डिपर चालू हो जाता है। और इसे आप बीच में रखते हैं तो कोई भी डिपर चालू नहीं होगा। और आप इसको नीचे की तरफ करते हैं तो आपका दायाँ डिपर चालू हो जाता है।

ऐसे ही बहुत से हैंड कंट्रोल्स होते है गाड़ी के अंदर जैसे हेडलाइट्स, एयर कंडीशनर, आदि इनके ऊपर फिर कभी विस्तार से बात करेंगे फिलहाल गाड़ी को चलाने के लिए इतने कंट्रोल काफी हैं।

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